Rajmohan Gandhi has been actively involved in the 'Quest for Change' for several decades. Currently, he serves as a visiting professor at the University of Illinois at Urbana-Champaign in the United States.

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राजमोहन गाँधी

सन् 1935, नई दिल्ली में जन्मे राजमोहन गांधी एक जीवनीकार और महात्मा गांधी के पौत्र हैं। उनके नाना सी. राजगोपालाचारी (राजाजी) स्वतन्त्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल और प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानियों में से एक थे। राजमोहन के पिता देवास गांधी दैनिक हिन्दुस्तान टाइम्स के प्रबन्ध सम्पादक थे।

मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली में पढ़े-लिखे राजमोहन एक पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं। सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज, नई दिल्ली में रिसर्च प्रोफेसर, श्री गांधी ने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और इसके नायकों, भारत-पाक सम्बन्ध एवं मानवाधिकार पर विस्तारपूर्वक लिखा है। वे अमेरिका और जापान में विजिटिंग प्रोफेसर के पद पर रह चुके हैं, और कनाडा, जापान एवं क्यार्जज रिपब्लिक स्थित विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियाँ पा चुके हैं। प्रो. गांधी राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं, और जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के वार्षिक अधिवेशन में भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर चुके हैं।

प्रो. गांधी द्वारा लिखित उनके दादा महात्मा गांधी की जीवनी द गुड वोटमैन : ए पोर्ट्रेट ऑफ गांधी सन् 1955 में और उनके नाना चक्रवर्ती राजगोपालाचारी की जीवनी राजाजी : ए लाइफ सन् 1977 में प्रकाशित हुई। भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी और राजनेता ‘सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी’ और ऐट लाइव्ज : ए स्टडी ऑफ द हिन्दू-मूस्लिम एनकांउटर उनकी प्रमुख कृतियों में सम्मिलित हैं। हाल ही में प्रकाशित रिवेंज एंड रिकंसिलिएशन : अंडरस्टैंडिंग साउथ एशियन हिस्ट्री उनकी नवीनतम कृति है। उनके द्वारा लिखित महात्मा गांधी की विस्तृत जीवनी का प्रकाशन सन् 2006 में हुआ।

राजमोहन गांधी विगत कई दशकों से ‘परिवर्तन के अगुआओं’ में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। सम्प्रति, वे अर्बन-कैम्पागन स्थित इलिनॉइस यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

1947 के बाद भारत : कुछ स्मरण कुछ टिप्पणियाँ

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आज़ादी के पचहत्तर साल बाद : भारत के राष्ट्रीय समर्थन का संकेत।

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